Prayagraj Facts: सम्दाबाद व छीतपुर को उजाड़कर बना था कंपनीबाग
1 min read
Prayagraj Updates: चंद्रशेखर आजाद पार्क की जगह कभी सम्दाबाद एवं छीतपुर नाम के दो गांव हुआ करते थे। पार्क के दक्षिणीय भाग में सम्दाबाद के नाम से मेवातियों का गांव था। सन् 1857 के गदर में इस गांव के लोगों ने विद्रोह किया था। इस पर अंग्रेजों ने इस गांव को उजाड़ दिया था। करीब ही एक अन्य गांव छीतपुर था। यहां भी विद्रोह की आग सुलगी थी। इसे भी अंग्रेजों ने तबाह कर दिया था। इस गांव का कुछ हिस्सा गवर्नमेंट हाउस और कुछ आजाद पार्क में आ गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने सम्दाबाद एवं छीतपुर गांव को पार्क का स्वरूप दिया था। इसलिए शुरुआत में इस पार्क को लोग कंपनी बाग कहते थे। तब इस पार्क में सिर्फ अंग्रेज सैर करते थे।
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अंग्रेजों ने 1870 में इंग्लैंड के प्रिंस अल्फ्रेड डयूक आफ एडिनबरा के प्रयागराज आगमन को यादगार बनाने के लिए इस पार्क को बनाया था। पार्क में राजा जार्ज पंचम और महारानी विक्टोरिया की बड़ी प्रतिमा भी लगाई गई थी। तब पार्क में अष्कोणीय बैंड स्टैंड बनाया गया था। पार्क को पहले अल्फ्रेड पार्क कहा जाता था। बाद में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर इसका नाम रख दिया गया। ऐसा माना जाता है कि यह उत्तर प्रदेश के सबसे विशालतम पार्क में एक है।